भारत प्राचीन इतिहास की भूमि है और वैदिक काल भी भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण काल है। हमारे भारत को हर काल में अलग-अलग नामों से पुकारा गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वैदिक काल में भारत को क्या नाम दिया गया था? जी हां दोस्तों हम आपको बता दें कि वैदिक काल में भारत का नाम कुछ और था।
यदि आपको इस विषय की जानकारी नहीं है कि वैदिक काल में भारत को क्या नाम दिया गया था। तो आप आज के इस महत्वपूर्ण लेख को पूरा जरूर पढ़ें। इस लेख में हम वैदिक काल में भारतीय इतिहास को समझेंगे। तो चलिए बिना देरी किए लेख को शुरू करते हैं –
वैदिक काल में भारत को क्या नाम दिया गया था?
ऐसे तो ज्यादातर लोगों का यह मानना है कि वैदिक काल में भारत का नाम आर्यव्रत था। लेकिन वैदिक काल में भारत का इतिहास बहुत ही प्राचीन है और इस विषय को लेकर कई इतिहासकारों में अलग-अलग मत भी दिए गए हैं। यानी कि अलग-अलग इतिहासकारों के अनुसार वैदिक काल में भारत का नाम अलग-अलग बताया गया है।
सिद्धांतों के अनुसार
सिद्धांतों के अनुसार कुछ विद्वानों का मानना है कि वैदिक काल में भारत को दिया गया नाम आर्यव्रत था जिसका अर्थ है आर्यों की भूमि। यह सिद्धांत इस तथ्य पर आधारित है कि वेदों की रचना आर्य ने की थी जो मध्य एशिया से भारत आए थे।
एक अन्य सिद्धांत बताता है कि वैदिक काल के दौरान भारत को दिया गया नाम सप्तसिंधु था जिसका अर्थ है 7 नदियों की भूमि। यह सिद्धांत इस तथ्य पर आधारित है कि हिंदू धर्म के सबसे पुराने ग्रंथों में से एक ऋग्वेद में सप्तसिंधु क्षेत्र को आर्यों की मातृभूमि के रूप में वर्णित किया गया है।
ऋग्वेद के अनुसार
ऋग्वेद जो वेदों में सबसे पुराना वेद माना जाता है वैदिक काल के दौरान भारत को दिए गए नाम के बारे में इसमें एक महत्वपूर्ण जानकारी का स्त्रोत है। ऋग्वेद में भारतीय उपमहाद्वीप के लिए यानी भारत के लिए कई नामों का उल्लेख है। जिसमें भरत भारतवर्ष और जंबूद्वीप शामिल है।
यानी कि ऋग्वेद में भारत को 3 नामों से पुकारा गया है। भरत को एक प्राचीन राजा का नाम माना जाता है इसलिए उसमें भरत नाम का उल्लेख किया गया है। वही भारतवर्ष का नाम का उल्लेख इसलिए है क्योंकि यह भारत की भूमि है जिसके कारण इसका नाम भारतवर्ष है।
इसके अलावा जंबूद्वीप का अर्थ है जम्मू वृक्ष की भूमि जिसे हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है। यह नाम कई प्राचीन ग्रंथों में भारत को संदर्भित करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
तो इस तरह से कुछ सिद्धांतों के आधार पर और ऋग्वेद के आधार पर वैदिक काल में भारत को विभिन्न नामों से पुकारा जाता था।
वैदिक काल कब से शुरू हुआ?
वैदिक काल भारतीय इतिहास का सबसे प्रारंभिक काल माना जाता है। यह लगभग 1500 पूर्व से 500 ईसा पूर्व तक का है। यह अवधि हिंदू धर्म के विकास और हिंदू धर्म के सबसे पुराने ग्रंथों वेदों की रचना के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है।
कई लोगों का यह भी प्रश्न होता है कि वैदिक काल को कितने भागों में बांटा गया है तो हम आपको बता दें कि वैदिक काल को दो भागों में बांटा गया है। जिसमें प्रारंभिक वैदिक काल को हम रिग वैदिक काल के नाम से जानते हैं। यह रिग वैदिक काल पंद्रह सो इस अपूर्व से 1000 ईसा पूर्व तक था।
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वही दूसरा भाग का वैदिक काल को हम उत्तर वैदिक काल के नाम से जानते हैं। उत्तर वैदिक काल 1000 ईसा पूर्व से 500 ईसा पूर्व तक था।
वैदिक काल में भारत को दिए गए नाम का क्या महत्व है?
वैदिक काल में भारत को दिया गया नाम महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत के क्षेत्र की संस्कृति और इतिहास को दर्शाता है। जैसे ऋग्वेद में दिए गए भारतवर्ष नाम यह दर्शाता है कि प्राचीन राजा का नाम भरत था। वही जंबूद्वीप नाम भारत के हिंदू धर्म को दर्शाता है जो कि धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है।
वैदिक काल में भारत को क्या नाम दिया गया था? FAQs
Q. वैदिक काल में गुलाब क्या था?
Ans- वैदिक काल में गुलाब का अर्थ छोटे परिवार के मुखिया को कहा जाता था।
Q. वैदिक काल का दूसरा नाम क्या है?
Ans- वैदिक काल को हम वैदिक सभ्यता भी कहते हैं। इसके अलावा हम रिग वैदिक किया पूर्व वैदिक काल या उत्तर वैदिक काल भी कहते हैं।
Q. वैदिक काल के संस्थापक कौन हैं?
Ans- वैदिक काल के संस्थापक आर्यों को माना जाता है।
Q. वैदिक काल में राजा कौन थे?
Ans- वैदिक काल के राजा गो पति को माना जाता है।
Q. वैदिक काल में किसकी पूजा की जाती है?
Ans- वैदिक काल में इंद्र वरुण अग्नि यम इत्यादि देवताओं की पूजा की जाती थी।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने जाना कि वैदिक काल को भारत को क्या नाम दिया गया था? उम्मीद है कि इस लेख के माध्यम से आपको वैदिक काल के इतिहास के बारे में सभी जानकारी मिल पाई होगी, साथी आप भारत के विभिन्न नामों से भी परिचित हो पाए होंगे।
यदि आप वैदिक काल सभ्यता से संबंधित अन्य जानकारियां पाना चाहते हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।