भारत का अपना ही एक समृद्ध इतिहास है जो हजारों साल पहले का है। यहां पर कई तरह की संस्कृतियों और सभ्यताएं मौजूद हैं जिन्होंने पहले भी देश के समाज पर एक अमिट छाप छोड़ी है। भारत के सबसे महत्वपूर्ण इतिहास में से एक इसकी राजधानी शहर की स्थापना भी है, जो समय के साथ बदलता रहा है। आज भी बहुत कम लोग यह जानते हैं कि दिल्ली भारत की राजधानी कब बनी (delhi bharat ki rajdhani kab bani) और इसके पीछे का क्या इतिहास है।
इसीलिए आज के इस लेख में हम दिल्ली के इतिहास के बारे में जानेंगे और यह समझेंगे कि दिल्ली भारत की राजधानी कब बनी? तो आइए लेख को शुरू करते हैं।
दिल्ली भारत की राजधानी कब बनी? | bharat ki rajdhani delhi
13 फरवरी 1931 को दिल्ली भारत की राजधानी बनी थी। हालांकि इसकी घोषणा सन 1911 में ही कर दी गई थी परंतु ऑफिशियल तरीके से सन 1931 में दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया था।
दिल्ली के पहले कोलकाता ही भारत की राजधानी थी, परंतु ब्रिटिश शासन के दौरान ही इसे हटाकर दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया।
किंग जॉर्ज पंचम, जोकि सन 1912 में इंडिया के शासक थे, ने ही पहली बार दिल्ली को राजधानी बनाने की मांग की थी। इसके बाद 1931 तक नई दिल्ली को भारत की राजधानी बनाने के लिए कई ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस और सर हरबर्ट बेकर ने इस नए शहर को राजधानी बनाने के लिए कई तरह की योजनाएं बनाई।
हालांकि दिल्ली को भारत की राजधानी बनाने में पूरे 2 दशक लगे, लेकिन दिल्ली को राजधानी बनाना काफी अच्छा साबित हुआ और सब की मेहनत रंग लाई।
वर्ष | दिल्ली के राजधानी बनाने का सफर |
1911 | ब्रिटिश राज ने नई दिल्ली को भारत की नई राजधानी घोषित किया। |
1912 | दिल्ली का निर्माण शुरू |
1931 | दिल्ली ने आधिकारिक तौर पर ब्रिटिश भारत की राजधानी के रूप में उद्घाटन किया। |
1947 | भारत ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करता है, नई दिल्ली स्वतंत्र भारत की राजधानी बन जाती है। |
दिल्ली भारत की राजधानी कैसे बनी?
आइए हम यह भी जान लेते हैं कि आखिर दिल्ली को भारत की राजधानी क्यों बनाया गया था। दरअसल भारत के मानचित्र में दिल्ली बिल्कुल मध्य में आती थी जिसके कारण भारत के शासक किंग जॉर्ज पंचम ने दिल्ली को राजधानी बनाने का निर्णय लिया।
उस समय दिल्ली को भारत की राजधानी बनाने का निर्णय बिल्कुल भी अच्छा नहीं था, क्योंकि दिल्ली बहुत ही पिछड़े राज्यों में से एक थी। हालांकि यहां पर मुगलों का शासन था और मुगलों ने यहां पर कई तरह की शानदार संरचनाएं बनाई थी जैसे लाल किला, जामा मस्जिद, कुतुब मीनार, इत्यादि।
लेकिन फिर भी दिल्ली कोलकाता लखनऊ या हैदराबाद के तुलना में काफी ज्यादा पिछड़ा हुआ था। यहां पर केवल 3% आबादी ही थी जो सही ढंग से अंग्रेजी या हिंदी की किताबों को पढ़ पाती थी। इसके अलावा राज्य से मेरठ या मद्रास की तुलना में केवल कुछ प्रतिशत ही विदेशी यात्रा करने आते थे।
दिल्ली को अच्छा शहर बनाने के लिए बहुत कम लोग यहां पर पैसा लगाने के लिए तैयार थे परंतु बाद में ब्रिटिश आर्किटेक्चर हरबर्ट बेकर और सर एडमिन लुटियंस ने दिल्ली को एक बेहतरीन शहर बनाया।
दिल्ली को अन्य राज्यों के मुकाबले एक अच्छा शहर बनाने में पूरे 2 दशकों का समय लगा लेकिन अंत में दिल्ली एक बेहतरीन राज्य बन कर उभरा और 13 फरवरी 1931 को इसका उद्घाटन किया गया। और इसी समय भारत राजधानी दिल्ली को घोषित किया गया।
प्राचीन दिल्ली का इतिहास
दरअसल दिल्ली का इतिहास काफी ज्यादा पुराना है। इसका इतिहास महाभारत के समय से चलता आ रहा है। महाभारत के अनुसार दिल्ली को मूल रूप से पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ के रूप में जाना जाता था। इस शहर पर बाद में मौर्य, गुप्त और मुगल सहित कई शक्तिशाली राजवंशों का भी शासन रहा।
मुगल युग को दिल्ली के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण अवधियों में से एक माना जाता है क्योंकि सन 1526 में ही मुग़ल ने दिल्ली पर कब्जा कर लिया था। और लगभग 3 शताब्दियों तक इस शहर पर शासन किया। इसके बाद दिल्ली को उन्होंने अपनी राजधानी के रूप में भी स्थापित किया था।
बाद में 17 वी शताब्दी की शुरुआत में ब्रिटिश साम्राज्य भारत आया और धीरे-धीरे देश पर नियंत्रण हासिल कर लिया। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1690 में कोलकाता में एक व्यापारिक चौकी स्थापित की जो बाद में ब्रिटिश भारत की राजधानी बनी। यानी कि कोलकाता भारत की राजधानी 17 वीं शताब्दी में बनी थी।
फिर बाद में सन 1911 में ब्रिटिश सरकार ने राजधानी को कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित करने का निर्णय लिया जो मुगलों के अधीन भारत की एक ऐतिहासिक राजधानी थी।
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जब से दिल्ली भारत की राजधानी बना उसके बाद से यह भारत सरकार का प्रशासनिक केंद्र भी बन गया और तब से यह शहर काफी तेजी से विकसित हुआ है। और आज के समय में दिल्ली सबसे समृद्ध राज्यों में से एक है।
दिल्ली भारत की राजधानी कब बनी – FAQ’s
सबसे पहले भारत की राजधानी कौन सी थी?
सबसे पहले भारत की राजधानी कोलकाता थी।
दिल्ली की स्थापना कब और किसने की थी?
ईसा पूर्व 300 में तोमर राजा अनंगपाल ने दिल्ली शहर की स्थापना की थी। इसका सबूत हमें चंदबरदाई की हिंदी रचना पृथ्वीराज रासो में मिलती है।
दिल्ली को भारत की राजधानी क्यों बनाया गया था?
भारत के मानचित्र में भौगोलिक क्षेत्र के अनुसार दिल्ली देश का सबसे मध्य राज्य था इसके कारण ही दिल्ली को भारत की राजधानी के रूप में चुना गया था।
1915 में भारत की राजधानी कहां थी?
1915 में भारत की राजधानी कोलकाता ही थी क्योंकि 1911 में भले ही दिल्ली को भारत की राजधानी बनाने का घोषणा किया गया था परंतु सन 1931 में ही दिल्ली आधिकारिक रूप से भारत की राजधानी बनी।
कोलकाता से पहले भारत की राजधानी कहां थी?
कोलकाता से पहले भारत की राजधानी दिल्ली ही थी जो कि मुगल शासकों द्वारा बनाई गई थी।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने जाना कि दिल्ली भारत की राजधानी कब बनी? (delhi bharat ki rajdhani kab ghoshit hui) उम्मीद है कि इस लेख के माध्यम से आपको दिल्ली को भारत की राजधानी बनने का सफर के बारे में जानकारी मिल पाई होगी।
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