द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सभी देशों को काफी ज्यादा नुकसान होने पर एक नाटो संगठन का निर्माण किया गया था। इसमें कई देशों को शामिल किया गया था। परंतु भारत ने इस संगठन में शामिल होने से इनकार कर दिया था। इसलिए आज के समय में लगभग सभी लोगों का यह प्रश्न होता है कि क्या भारत नाटो का सदस्य है या नहीं?
हालांकि इस प्रश्न के उत्तर में लगभग सभी भारतीय कंफ्यूज है कि भारत नाटो का सदस्य क्यों नहीं है? या फिर क्या भारत नाटो का सदस्य है या नहीं (kya bharat nato ka sadasya hai)? तो चलिए आज के इस लेख में हम इसी विषय पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हैं और भारत के नाटो का सदस्य ना बनने का कारण जानते हैं।
क्या भारत नाटो का सदस्य है? (kya india nato ka sadasya hai)
नहीं भारत नाटो का सदस्य नहीं है। दरअसल भारत उत्तरी अटलांटिक के आसपास का भी क्षेत्र नहीं है जिसके कारण भारत ने नाटो का सदस्य बनने से अपना हाथ पीछे खींच लिया। हालांकि नाटो की स्थापना सामूहिक रक्षा और सुरक्षा के उद्देश्यों के लिए की गई थी। लेकिन फिर भी भारत नाटो का सदस्य नहीं बना।
लेकिन भारत ने नाटो के नेतृत्व वाले अभियानों में भाग लिया है परंतु यह इस संगठन का सदस्य नहीं है। यानी की भारत नाटो द्वारा किया जाए रहे प्रोग्राम में भाग जरूर लेता है और कई तरह की आतंकवाद सुरक्षा संबंधित मुद्दों पर संगठन के साथ मिलकर कार्य भी करता है।
नाटो क्या है?
NATO Full Form नार्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (North Atlantic Treaty Organisation) है, जिसे हम हिंदी में उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन कहते हैं। इसकी स्थापना 1949 में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की गई थी।
दरअसल द्वितीय विश्व युद्ध के बाद लगभग सभी देश को कई तरह के नुकसान को झेलना पड़ा था और इस तरह का युद्ध दोबारा ना हो इसलिए इस संगठन की स्थापना की गई। नाटो का मिशन सहयोग और सामूहिक रक्षा को बढ़ावा देना है।
नाटो में कुल 30 देश शामिल किए गए हैं जिसमें उत्तरी अमेरिका संयुक्त राज्य अमेरिका का नाडा और यूरोपीय संघ जैसे कई अन्य देश भी शामिल है।
नाटो एक ऐसे गठबंधन के रूप में कार्य करता है जिसमें शामिल सदस्य एक दूसरे की रक्षा करने का वचन देते हैं। यानी की जो भी देश इस संगठन में शामिल है यदि उनमें से किसी के ऊपर भी किसी अन्य देश द्वारा हमला किया जाता है तो नाटो में शामिल अन्य सदस्य उसे देश की रक्षा करने के लिए खड़े होते हैं।
यह संगठन शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर कार्य करता है और अंतरराष्ट्रीय शांति व्यवस्था और आपदा राहत प्रयासों में भी हमेशा आगे रहता है।
नाटो में शामिल 30 सदस्य कौन है?
नाटो में कुल 30 देश सदस्य शामिल हैं, जिनके नाम इस प्रकार हैं
Sr. No. | 30 Countries name of NATO | Year |
---|---|---|
1 | Albania | 2009 |
2 | Belgium | 1949 |
3 | Bulgaria | 2004 |
4 | Canada | 1949 |
5 | Croatia | 2009 |
6 | Czechia | 1999 |
7 | Denmark | 1949 |
8 | Estonia | 2004 |
9 | France | 1949 |
10 | Germany | 1955 |
11 | Greece | 1952 |
12 | Hungary | 1999 |
13 | Iceland | 1949 |
14 | Italy | 1949 |
15 | Latvia | 2004 |
16 | Lithuania | 2004 |
17 | Luxembourg | 1949 |
18 | Montenegro | 2017 |
19 | Netherlands | 1949 |
20 | North Macedonia | 2020 |
21 | Norway | 1949 |
22 | Poland | 1999 |
23 | Portugal | 1949 |
24 | Romania | 2004 |
25 | Slovakia | 2004 |
26 | Slovenia | 2004 |
27 | Spain | 1982 |
28 | Türkiye | 1952 |
29 | United Kingdom | 1949 |
30 | United States | 1949 |
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भारत नाटो का सदस्य क्यों नहीं बना?
भारत कई कारणों से नाटो का सदस्य नहीं है जैसे –
- एक कारण यह है कि नाटो का एक सैन्य संगठन गठबंधन है और भारत एक सैन्य शक्ति नहीं है।
- दूसरा कारण यह है कि नाटो सदस्यों को खुफिया और सैन्य संसाधनों को साझा करने की आवश्यकता होती है और भारत ऐतिहासिक रूप से अपने Resources को अन्य देशों के साथ साझा नहीं करना चाहता है।
- इसका तीसरा कारण यह होगा कि भारत उसे समय तक नाटो में शामिल सदस्य देशों का कोई करीबी सहयोगी नहीं है और इसके नाटो के बाहर के देशों जैसे रूस के साथ घनिष्ठ संबंध भी है।
- यह कुछ कारण है कि जिनकी वजह से भारत नाटो का सदस्य नहीं है। हालांकि भारत अक्सर नाटो के कई तरह के प्रोग्राम में हमेशा भागीदारी निभाते हैं।
नाटो का सदस्य होने के क्या लाभ है?
क्या भारत नाटो का सदस्य है या नहीं यह जानने के बाद लिए अब हम यह भी जान लेते हैं कि अगर भारत नाटो का सदस्य होता तो भारत को किस तरह के लाभ हो सकते थे।
- नाटो के सदस्य देशों के खिलाफ आने वाले खतरों और हम लोग को रोकने में मदद करता है। जिससे कि हमला करने वाला देश काफी कमजोर भी पड़ जाता है।
- इसके अतिरिक्त यह कुछ डिस्कशन के लिए एक मंच भी प्रदान करता है जिसमें आतंकवाद को रोकने से संबंधित चर्चा इत्यादि किया जा सकते हैं।
- नाटो अपने सदस्यों को मिलिट्री कैपेबिलिटी को विकसित करने और बनाए रखने में भी मदद करता है जिससे कि सभी देश अपने कोऑपरेटिव ऑपरेशन का बेहतरीन तरीके से संचालन कर सकेंगे।
- नाटो का हिस्सा होने से सभी सदस्य देशों को कुछ भी अंतरराष्ट्रीय मामलों में बोलने के लिए ज्यादा मौका मिलता है।
क्या भारत नाटो का सदस्य है? – FAQ’s
Q.1 नाटो देश में कौन-कौन सा देश आता है?
Ans – नाटो में कुल 30 देश आते हैं जिसकी जानकारी हमने इस लेख में बताई है।
Q.2 नाटो देश में कौन-कौन सा देश आता है?
Ans- नाटो में कुल 30 देश आते हैं जिसकी जानकारी हमने इस लेख में बताई है।
Q.3 नाटो का मुख्य उद्देश्य क्या है?
Ans- नाटो का मुख्य उद्देश्य दुनिया में शांति स्थापित करना है और नाटो में शामिल सदस्य देशों को सहायता एवं सुरक्षा प्रदान करना है।
Q.4 नाटो कितने देश का समूह है?
Ans- नाटो कल 30 देश का समूह है जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका एवं यूरोपीय संघ जैसे कई देश शामिल हैं।
Q.5 नाटो का अध्यक्ष कौन है?
Ans- नाटो का अध्यक्ष जेन्स स्टोलटेनबर्ग है।
Q.6 क्या पाकिस्तान नाटो का सदस्य है?
Ans – जी नहीं पाकिस्तान नाटो का सदस्य नहीं है?
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने जाना की क्या भारत नाटो का सदस्य है? (bharat natak ka sadasya hai ya nahin) उम्मीद है कि इस लेख के माध्यम से आपको नाटो से संबंधित सभी जानकारियां मिल पाई होगी।
यदि आप नाटो संगठन से संबंधित कुछ अन्य जानकारियां पाना चाहते हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
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