भारत में कितने बैरिस्टर हैं – दोस्तों यदि आप भारत में कानूनी पेशे के बारे में जानने के लिए उत्सुक है और आप सोच रहे हैं कि भारत में कितने बैरिस्टर है, तो आज के इस लेख के माध्यम से आपको इस प्रश्न का उत्तर मिल सकता है।
हालांकि भारत में कितने बैरिस्टर हैं प्रश्न का उत्तर उतना सीधा भी नहीं है जितना आप सोच रहे हैं लेकिन इस लेख के माध्यम से हम आपको बैरिस्टर से संबंधित सभी जानकारियां देने का प्रयास करेंगे। चलिये लेख को शुरू करते हैं।
भारत में कितने बैरिस्टर हैं?
तो सबसे पहले हम आपको यह बता डेकी इस समय भारत में कोई भी बैरिस्टर नहीं है। बैरिस्टर केवल यूके या इंग्लैंड में ही होते हैं। भारत में वकील को एडवोकेट कहा जाता है। और अगर हम यह कहे कि भारत में कितने वकील है तो बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अनुसार भारत में 1.3 मिलियन से भी ज्यादा अधिक वकील अभी प्रैक्टिस कर रहे हैं।
लेकिन यहां पर हम आपको यह भी बता दे कि भारत में ब्रिटिश काल के समय बैरिस्टर हुआ करते थे जैसे भीमराव अंबेडकर महात्मा गांधी इत्यादि लोग बैरिस्टर के रूप में भारत में काम किया है।
बैरिस्टर क्या होता है?
एक बैरिस्टर लीगल प्रोफेशनल होता है जो विशेषज्ञ कानूनी सलाह प्रदान करने और अदालतों में ग्राहकों का प्रतिनिधित्व करने के लिए योग्य होता है। भारत में बैरिस्टर को सबसे सम्मानित और अनुभवी कानूनी पेशेवर के रूप में माना जाता है। बैरिस्टर यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं कि देश में सभी व्यक्तियों को न्याय मिल सके।
बैरिस्टर वह व्यक्ति कहलाता है जो यूके से लॉ की पढ़ाई करता है और फिर भारत में आता है। यानी कि इंग्लैंड में वकील को बैरिस्टर कहा जाता है। उदाहरण के लिए गांधी जी ने अपने वकील की पढ़ाई इंग्लैंड से की थी और भारत में आकर उन्होंने इसकी प्रैक्टिस की थी इसीलिए उन्हें बैरिस्टर कहा जाता था।
भारत में बैरिस्टर का इतिहास
भारत में बैरिस्टर का इतिहास काफी पुराना है। यह इतिहास ब्रिटिश के समय का ही है। इस समय के दौरान बैरिस्टर मुख्य रूप से इंग्लैंड में प्रशिक्षित होते थे और वहां पर ही जाकर अपने लॉ की पढ़ाई पूरी करते थे और अभ्यास करने के लिए भारत आते थे। उस समय बैरिस्टर को सबसे प्रतिष्ठित कानूनी पेशेवर के रूप में माना जाता था।
बैरिस्टर और Advocate के बीच क्या अंतर होता है?
बैरिस्टर और एडवोकेट दोनों ही कानूनी पेशेवर होते हैं लेकिन इन दोनों के बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर भी होता है। आइए इन दोनों के बीच के अंतर को विस्तार से समझते हैं।
सबसे पहले हम आपको यह भी बता दें कि एक एडवोकेट वह होता है जो बार काउंसिल ऑफ इंडिया की परीक्षा को पास करके एडवोकेट बनता है। जैसे कि सबसे पहले भारत में लॉ की पढ़ाई की जाती है और वह या पढ़ाई करके लॉयर बन जाता है परंतु बार काउंसिल एग्जाम को पास करने के बाद वह व्यक्ति एडवोकेट कहलाने लगता है।
बैरिस्टर | एडवोकेट |
बैरिस्टर इंग्लैंड में कानूनी पेशेवर हैं | एडवोकेट भारत में कानूनी पेशेवर हैं |
बैरिस्टर कानूनी नीति के निर्माण में शामिल हैं | एडवोकेट कानूनी नीति के निर्माण में शामिल नहीं हैं |
बैरिस्टर की नियुक्ति सॉलिसिटर द्वारा की जाती है | एडवोकेट को सीधे उनके clients द्वारा नियुक्त किया जाता है |
वकील या सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्देश दिए जाने पर बैरिस्टर केवल अपने मुवक्किलों की ओर से कार्य कर सकते हैं | एडवोकेट स्वतंत्र रूप से अपने मुवक्किलों की ओर से कार्य कर सकते हैं |
बैरिस्टर और अधिवक्ता दोनों अलग-अलग भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के साथ कानूनी पेशेवर हैं।
भारत में कितने बैरिस्टर हैं? FAQ’s
Q. भारत के पहले बैरिस्टर कौन थे?
Ans- भारत के बैरिस्टर में B. R. Ambedakar और महात्मा गांधी शामिल है।
Q. क्या हमारे पास भारत में बैरिस्टर हैं?
Ans- जी नहीं, भारत में बैरिस्टर नहीं होते है। बैरिस्टर को भारत में Advocate कहा जाता है।
Q. वकील और बैरिस्टर में क्या फर्क है?
Ans- भारत में लॉं की पढ़ाई करके बार काउंसिल ऑफ इंडिया की परीक्षा को पास करके एक व्यक्ति लॉंयर बनाता है। जबकि इंग्लैंड में लॉं की पढ़ाई करने वाले को बैरिस्टर कहते है। इस लेख में हमने बैरिस्टर और वकील के बीच के अंतर की व्याकया की है।
Q. बैरिस्टर बनने के लिए क्या करना पड़ता है?
Ans- बैरिस्टर बनाने के लिए भी कानून संबन्धित पढ़ाई करनी पड़ती है लेकिन यह फड़ाई इंग्लैंड में कराई जाती है।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने जाना की भारत में कितने बैरिस्टर है। उम्मीद है की इस लेख के माध्यम से आपको बैरिस्टर और वकील से संबन्धित सभी जानकारी मिल पायी होगी।
यही आप वकील बनने से संबन्धित कुछ अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो हमे कमेंट करके जरूर बताएं। जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।