भारत के पास कितने परमाणु बम है? – सम्पूर्ण जानकारी 2023

भारत के पास कितने परमाणु बम है – आज की दुनिया में परमाणु युद्ध का खतरा  काफी ज्यादा मंडरा रहा है और कई देश अपने परमाणु शक्ति को बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। भारत ही एक ऐसा देश है जो कई दशकों से अपने न्यूक्लियर क्षमता पर काम कर रहा है और भारत कई सारे परमाणु बम बनाने में सफल भी हुआ है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस समय भारत के पास कितने परमाणु बम है? यदि नहीं तो आइए आज के इस लेख के माध्यम से हम परमाणु विषय पर चर्चा करते हैं।

आज के इस लेख में हम भारत के परमाणु शक्ति पर करीब से नजर डालेंगे और इस सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे कि भारत के पास कितने परमाणु बम है? तो आइए बिना देरी किए लेख को शुरू करते हैं।

भारत के पास कितने परमाणु बम है?

ऐसे अभी भारत के परमाणु बमों की सही संख्या ज्ञात नहीं है परंतु रिपोर्ट के अनुसार यह पता चलता है कि इस समय भारत के पास 160 परमाणु बम है।

लेकिन Federation Of Americam Scientists ने अपने रिपोर्ट के मुताबिक यह कहा है कि भारत ने भी परमाणु बम बनाने के लिए लगने वाले सैन्य प्लूटोनियम प्राप्त कर लिए हैं और इसके माध्यम से अब वे 140 से 210 परमाणु बम बना सकते हैं।

भारत अपनी परमाणु बम की क्षमता को काफी ज्यादा विकसित कर रहा है और अग्नि-5 जैसे कई तरह के परमाणु मिसाइल का भी उत्पादन कर रहा है।

हालांकि स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुमान के अनुसार यह माना जाता है कि अभी जो भारत के पास परमाणु हथियार हैं वह संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस जैसे अन्य परमाणु सशस्त्र देशों की तुलना में कम है। इसलिए भारत लगातार इस सशस्त्र बल पर भी कार्य कर रहा है।

यहां पर यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि किसी भी देश के पास परमाणु हथियारों की संख्या ही एकमात्र कारक नहीं है, जो उसकी परमाणु क्षमताओं को निर्धारित करता है। मिसाइल टेक्नोलॉजी डिलीवरी सिस्टम और अधिक परमाणु हथियार बनाने की क्षमता जैसे कारक भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

भारत के परमाणु कार्यक्रम क्या है?

भारत का परमाणु कार्यक्रम सन 1944 मार्च को शुरू किया गया था। इसे डॉक्टर होमी भाभा द्वारा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में 3 चरणों के प्रयास में स्थापित किया गया था। इन्होंने ही परमाणु अनुसंधान केंद्र मूलभूत अनुसंधान संस्थान की स्थापना की थी।

सन 1970 से भारत में परमाणु हथियार विकसित करने पर काम शुरू कर दिया था। 1974 में भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण किया जिसका कोड नाम “स्माइलिंग बुद्धा” था। यह एक परमाणु उपकरण का सफल भूमिगत विस्फोट था।

इस परमाणु का नाम स्माइलिंग बुद्धा इसलिए रखा गया था क्योंकि इससे भारत में शांतिपूर्ण परमाणु विस्फोट कहा गया था। सन 1998 में भारत ने एक दूसरा परमाणु परीक्षण किया जिसका कोड नाम “ऑपरेशन शक्ति” था।

इस परीक्षण के बाद भारत को अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना करना पड़ा और अमेरिका और जापान जैसे कई देशों ने यहां पर परमाणु बम बनाने पर प्रतिबंध लगा दिए। लेकिन भारत इस परेशानी से घबराया नहीं और देश ने गुप्त रूप से ही अपने परमाणु कार्यक्रम पर काम जारी रखा। हालांकि बाद में यह प्रतिबंध हटा दिए गए थे।

उसके बाद भारत में राजस्थान में पोखरण रेंज में कई परमाणु परीक्षण किए जिसमें fission और Thermonuclear उपकरण दोनों शामिल थे। इन परीक्षणों ने भारत को परमाणु क्षमताओं को सबसे आगे ला दिया और देश ने खुद को एक परमाणु राज्य घोषित कर दिया।

यह दो पोखरण परमाणु परीक्षण डॉ आर चिदंबरम के नेतृत्व में किया गया था और इसी के बाद से ही या भी घोषित हुआ कि भारत अब न्यूट्रॉन बम के उत्पादन में भी सक्षम है।

भारत की No First User Policy

जब परमाणु हथियारों की बात आती है, तो भारत को “नो फर्स्ट यूज नीति” के लिए जाना जाता है जिसका अर्थ है कि देश तब तक परमाणु हथियारों का उपयोग नहीं करेगा जब तक कि उनके साथ पहले हमला नहीं किया जाता है।

भारत ने यह कहा है कि वह अपने परमाणु बमों को सबसे पहले इस्तेमाल नहीं करेगा बल्कि यह परमाणु हथियार केवल देश के बचाव के लिए ही तैयार किए गए हैं। सन 1999 में भारत सरकार ने एक दस्तावेज तैयार किया और यह प्रस्तुत किया की भारत में No First User Policy का उपयोग करेगा और इन परमाणु हथियारों का उपयोग केवल प्रतिशोध के लिए किया जाएगा।

भारत की परमाणु क्षमतायें

सन 1974 में अपने पहले परमाणु परीक्षण के बाद भारत की परमाणु क्षमता में काफी आगे बढ़ चुकी है। आज भारत के पास एक प्रमुख परमाणु त्रिकोण है जिसका अर्थ यह है कि यह हवा, जमीन और समुद्र से परमाणु हथियारों को लॉन्च करने की क्षमता रखता है।

भारत के परमाणु सक्षम मिसाइल शस्त्रागार में बैलिस्टिक मिसाइलों की अग्नि श्रंखला है। जिसकी रेंज 5000 किलोमीटर तक है। इसके अलावा सामरिक मिसाइलों की पृथ्वी श्रृंखला भी भारत के पास है और ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भी भारत ने निर्माण किए हैं। यह मिसाइल मार्च 3 की गति से यात्रा कर सकती है।

भारत के 4 सबमरीन लांच बैलेस्टिक मिसाइल भी विकसित कर रहा है, जो इसकी दूसरी स्ट्राइक क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगी। भारत का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से स्वदेशी है और देश ने अपने परमाणु रिएक्टर, इंधन चक्र प्रौद्योगिकी और मिसाइल प्रौद्योगिकी विकसित की है। आत्मनिर्भरता ने भारत को एक परमाणु कार्यक्रम विकसित करने की अनुमति दी है जो पूरी तरह से उसके नियंत्रण में है।

भारतीय परमाणु त्रिकोण क्या है?

भारतीय परमाणु त्रिकोण का अर्थ है कि भारत के पास आसमान से लॉन्च करने वाला परमाणु बम, जमीन द्वारा लॉन्च करने वाला परमाणु बम और समुद्र परमाणु हथियार भी है।

  1. वायु परमाणु हथियार

भारत की वायु आधारित परमाणु वितरण प्रणाली में Miraj 2000 और SU 30 MKI जैसे भी माल शामिल है, जो परमाणु बम ले जाने में सक्षम है। यह विमान देशभर के विभिन्न देशों पर तैनात हैं, जिसमें महाराजा वायु सेना स्टेशन, अंबाला वायु सेना और गोरखपुर वायु सेना स्टेशन शामिल है।

  1. भूमि आधारित परमाणु हथियार

भारत की भूमि आधारित परमाणु हथियार में बैलिस्टिक मिसाइलों की एक श्रृंखला शामिल है जिसमें अग्नि श्रृंखला भी है। इसकी रेंज 5000 किलोमीटर तक है और पृथ्वी श्रृंखला है जिसकी रेंज 350 किलोमीटर तक है।

यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और पूरे देश में विभिन्न स्थानों पर तैनात भी हैं।

नामप्रकाररेंज (किमी)
पृथ्वी-Iकम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल150
पृथ्वी-द्वितीयकम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल250–350
पृथ्वी-तृतीयकम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल350-600
अग्नि – Iमध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल700
शौर्यमध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल700-1900
अग्नि- Pमध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल1,000-2,000
अग्नि द्वितीयमध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल2,000-3,000
अग्नि- IIIमध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल3,500-5,000
अग्नि – IVमध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल4000
अग्नि- Vअंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल5,000-8,000
अग्नि-VIअंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल और MIRV सक्षम8,000-12,000
  1. सागर आधारित परमाणु हथियार

भारत के समुद्र आधारित परमाणु हथियार आई एन एस अरिहंत और आईएनएस विराट सहित परमाणु संचालित पनडुब्बियों के अपने बेड़े पर आधारित है।

यह पनडुब्बियों परमाणु आधारित मिसाइलों से लैस हैं और देश की भूमि आधारित और वायु आधारित प्रणालियों को निष्प्रभावी कर दिए जाने के बावजूद दूसरा हमला करने में सक्षम है।

नामप्रकाररेंज (किमी)
धनुषकम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल350
सागरिका (के-15)पनडुब्बी से लॉंच बैलिस्टिक मिसाइल700
K-4पनडुब्बी से लॉंच बैलिस्टिक मिसाइल3,500
K-5पनडुब्बी से लॉंच बैलिस्टिक मिसाइल5,000
K-6पनडुब्बी से लॉंच बैलिस्टिक मिसाइल6,000

भारत के पास कितने परमाणु बम है? – FAQ’s

भारत के पास कितने परमाणु बम है 2023

अभी तक 2023 के परमाणु बम की संख्याओं की जानकारी नहीं मिल पाई है परंतु 2022 तक भारत के पास कुल 160 परमाणु बम हैं।

यूक्रेन के पास कितने परमाणु बम है?

रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेन के पास लगभग 5000 परमाणु हथियार हैं।

भारत के पास कितने मिसाइल है?

रिपोर्ट के अनुसार भारत के पास 6 मिसाइल हैं जिसमें वायु आधारित समुद्र आधारित और भूमि आधारित मिसाइल शामिल है। यह मिसाइल 900 से 1200 किलोमीटर रेंज की क्षमता रखता है और इन 6 मिसाइलों की चर्चा दुनिया भर में होती है।

चीन के पास कितने परमाणु बम हैं?

2022 में आने वाले रिपोर्ट से यह पता चलता है कि चीन के पास कुल 290 परमाणु बम हैं।

पाकिस्तान के पास कितने परमाणु बम है?

पाकिस्तान के पास भी लगभग 160 परमाणु बम है। हालांकि कई रिपोर्ट द्वारा यह भी बताया जाता है कि पाकिस्तान के पास भारत से अधिक परमाणु बम हैं।

भारत के पास कितने हथियार हैं?

ऐसे तो भारत के पास कई सारे हथियार हैं जिसमें जैविक हथियार रासायनिक हथियार परमाणु हथियार शामिल है।

निष्कर्ष

आज के इस लेख में हमने जाना कि भारत के पास कितने परमाणु बम है? और उनकी क्षमताएं कितनी है, उम्मीद है कि इस लेख के माध्यम से आपको भारत के परमाणु बम की संख्या के बारे में जानकारी मिल पाई होगी।

यदि आप इस विषय पर कुछ अन्य जानकारी पाना चाहते हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।

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