आधुनिक भारत का इतिहास के बारे में पूरी जानकारी 2023

आधुनिक भारत का इतिहास – भारत देश में लोगों के द्वारा, लोगों के लिए, चुनी गयी सरकार बनती है और यह सब मुमकिन हमारे इतिहास की बदौलत हो पाया है। इतिहास का वर्तमान में एक अपना महत्व है। इतिहास की वजह से ही हर किसी का वजुद होता है।

आधुनिक भारत का इतिहास 5500 साल पहले तक का माना जाता है। परंतु क्या आप अपने देश के इतिहास से वाकिफ हैं? यदि नहीं, तो आज इस लेख में हम आपको विस्तृत रूप से आधुनिक भारत का इतिहास बताने वाले हैं। अपने देश भारत के रोचक इतिहास को जानने के लिए आप हमारे साथ इस लेख के आखिरी तक जरूर बने रहे।

आधुनिक भारत का इतिहास क्या है?

आधुनिक भारत का इतिहास का काल 1850 के बाद का कहा जाता है। आधुनिक भारत के इतिहास को मुगलों के भारत में आने से पहले  और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी के शासनकाल तक माना जाता है।

आधुनिक भारत के इतिहास के बारे में जाने तो हम पाएंगे कि इसके इतिहास का एक बड़ा हिस्सा ब्रिटिश शासन के दौर का आता है। बहुत से इतिहासकार और बुद्धिजीवी के द्वारा दिए गए तथ्यों के अनुसार आधुनिक भारत का इतिहास भारत की आजादी पर खत्म हो जाता है।

आधुनिक भारत का इतिहास

एक प्रकार से,  इस इतिहास को तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है, जो प्राचीन भारत, मध्यकालीन भारत और आधुनिक भारत है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

प्राचीन भारत

मानव के उदय से लेकर 10 वीं सदी तक के इतिहास को प्राचीन भारत का इतिहास कहा जाता है। प्राचीन भारत के इतिहास की जानकारी को भी दो भागों में बांटा जा सकता है:- 

  1. पहला साहित्यिक साधन और
  2. दूसरा पुरातात्विक साधन
  1. साहित्यक साधन

साहित्यिक साधन भी दो प्रकार के हैं:-

  • धार्मिक साहित्य

धार्मिक साहित्य को भी दो भागों में वर्गीकृत किया गया है:-

  • ब्राह्मण ग्रन्थ – यह भी दो प्रकार के होते हैं। पहला श्रुति जिसमें ब्राह्मण, वेद उपनिषद इत्यादि शामिल है और दूसरा समृति जिसमें महाभारत, रामायण ,स्मृतियां, पुराण आदि शामिल है।
  • अब्राह्मण ग्रन्
  • लौकिक साहित्य

लौकिक साहित्य को भी चार भागों में वर्गीकृत किया गया है:-

  •  विदेशी विवरण
  • ऐतिहासिक साहित्य
  • गल्फ साहित्य
  • जीवनी कल्पना प्रधान
  1. पुरातात्विक साधन

पुरातात्विक साधन को तीन वर्गों में बांटा गया है:-

  • मुद्राएं
  • अभिलेख और
  • भग्नावशेष स्मार

पाषाण युग

इस युग से मानव ने पत्थरों का प्रयोग अलग-अलग तरीकों से करना सीख लिया था। पत्थर की गुफा का घर, पत्थर के औजार बनाना, पत्थर से आग जलाना इत्यादि पाषाण युग का हिस्सा है। इस युग से मानव में विकास शुरू हो गया था। इस काल में मानव कंदमूल फल इत्यादि खाकर तथा शिकार पर निर्भर था। इस युग के दो भाग थे :-

  • पुरापाषाण युग और
  • नवपाषाण युग

पुरापाषाण युग को तीन भागों में वर्गीकृत किया जाता है:-

  • आरंभिक पुरापाषाण युग
  • मध्य पुरापाषाण युग
  • उच्च पुरापाषाण युग

वैदिक साहित्य

प्राचीन भारत में वैदिक साहित्य का भी अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है। यह भारत के साथ-साथ पूरे विश्वभर में एक अहम स्थान रखता है। इसने मानव सभ्यता को वेदों के बारे में बताया था। चार वेद प्रमुख है:-

  • ऋग्वेद
  • यजुर्वेद
  • सामवेद और
  • अथर्ववेद

महापद्मनंद नंद मौर्य साम्राज्य

मौर्य राजवंश प्राचीन भारत का एक गौरवपूर्ण और शक्तिशाली राजवंश था। मौर्य राजवंश ने 137 सालों तक भारत में राज किया। इसकी स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने की थी। उनकी गाथाएं हम आज भी इतिहास की किताबों में पढ़ते हैं।

कांस्य युग और सिंधु घाटी की सभ्यता

सिंधु घाटी की सभ्यता 2500  BC से लेकर 1750 BC तक कही जाती है। इस दौरान हड़प्पा संस्कृति और मोहनजोदड़ो जैसी और अन्य अनगिनत सभ्यताएं आती है।

मध्यकालीन भारत

मध्यकालीन भारत को मध्ययुगीन भारत भी कहते हैं। यह दौर प्राचीन भारत और आधुनिक भारत के बीच का था। यह भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास के लंबे समय को दर्शाता है। यह काल छठी शताब्दी से लेकर 16 वीं सदी तक का माना जाता है। इसके 2 भाग थे:-

  • प्रारंभिक मध्ययुगीन काल और
  • गत मध्यकालीन काल

प्रारंभिक मध्ययुगीन काल

इस काल के दौरान कई वंश, राजवंश आदि हुए, जिन्होंने भारत के अलग-अलग हिस्सों पर राज्य स्थापित किया। यह वह समय था जब भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। इस काल के दौरान बहुत से युद्ध हुए।  यह दौर सन 1526 में मुगल साम्राज्य की स्थापना के साथ समाप्त हुआ।

गत मध्यकालीन काल

मध्यकालीन काल के दौरान इस्लाम धर्म ने भारत में दस्तक दी थी और इसी कारण से भारत के राजवंशों और इस्लामीयों के बीच में अपने वर्चस्व को लेकर कई बड़े युद्ध हुए। दिल्ली सल्तनत में उस समय मुस्लिम वनश् की भरमार थी। इस दौर में वास्कोडिगामा ने समुद्री रास्तो के द्वारा भारत की खोज की थी।

मुगल साम्राज्य के साथ मध्यकालीन युग की समाप्ति

भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना होने के साथ ही मध्यकालीन युग की समाप्ति भी हो गई थी। मुगल साम्राज्य का संस्थापक बाबर है। 1526 में पानीपत में पहला युद्ध हुआ जिसमें बाबर ने इब्राहिम लोदी को हराकर भारत पर कब्जा कर लिया। इसके बाद 1527 में बाबर ने खानवा के युद्ध में राणा सांगा को हराया।

इन्हें भी पढ़े : अफगानिस्तान भारत से कब अलग हुआ?

इन्हें भी पढ़े : 2047 का भारत कैसा होगा?

इसके बाद मुगल सम्राट अकबर ने वीर महाराणा प्रताप सिंह के साथ युद्ध किया और उनके युद्ध को हल्दीघाटी के नाम से जाना जाता है। इस तरह से मुगलों ने देश के कोने कोने में लड़ाई करके जीत हासिल की और देश पर कब्जा कर लिया।

ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ आधुनिक भारत का प्रथम चरण

सन 1600  में भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई थी और इसी के साथ आधुनिक भारत का प्रथम चरण भी शुरू हो गया था। माना जाता है कि ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा ही आधुनिक भारत  की नींव रखी गई थी। आधुनिक भारतीय इतिहास में घटने वाले सभी घटनाक्रम इसकी स्थापना पर ही आधारित हैं। 1757 ईस्वी में ईस्ट इंडिया कंपनी और मुगलों के बीच में प्लासी का युद्ध हुआ, जिसे अंग्रेजों ने जीत लिया।

इसके बाद 1764 में बक्सर का युद्ध हुआ था। उसे भी अंग्रेजों ने बहुत ही आसानी से जीत लिया था और इस प्रकार से भारत से मुगलों का राज हटाकर अंग्रेजों ने अपना राज कायम कर लिया था।

आधुनिक भारत

1857 में भारत के आजादी का पहला विद्रोह

अंग्रेजों के जुल्म और नीतियों के खिलाफ भारतीय सिपाहियों ने 1857 में विद्रोह शुरू किया और यह भारत की पहली आजादी की लड़ाई बन गई और इसकी डोर मंगल पांडे के हाथों में थी। तात्या टोपे ने भी इस लडाई में साथ दिया, परंतु यह स्वतंत्रता संग्राम सफल ना हो सका।

1857 में बहादुर शाह जफर ने अंग्रेजों का साथ नहीं दिया था इसीलिए उसे अंग्रेजों ने बंदी बना लिया और किसी बीमारी के कारण 1862 में उसकी मौत हो गई और इसी के साथ भारत से मुगल साम्राज्य भी समाप्त हो गया था।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना

1825 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना ऑक्टेवियन ह्यूमन ने की थी। यह भारत देश की सबसे पहली राजनीतिक पार्टी भी है। कांग्रेस का देश को आजादी दिलाने में एक बहुत ही बड़ा योगदान रहा है।

1947 मे आजादी

15 अगस्त सन 1947 को भारत देश अंग्रेजों से आजादी मिल गई थी। 15 अगस्त 1947 को एक अलग ही सुबह थी और वह थी आजादी वाली सुबह। इस समय ब्रिटिश राज भारत से पूरी तरह से समाप्त हो गया था और पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत देश आजाद होने की घोषणा की थी। स्वतंत्र भारत के सबसे पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी थे।

आधुनिक भारत मे हुए कुछ युद्ध

  • सन 1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ था जिसे चीन ने जीता था।  उस वक्त भारत के हार की वजह आधुनिक हथियारों का ना होना और सड़कों का निर्माण सही रूप से ना होना था।
  • 23 सितंबर 1965 को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ, जिसे भारत देश ने जीता। युद्ध के होने का कारण पाकिस्तान के द्वारा ऑपरेशन जिब्राल्टर को अंजाम देना था, जो कि भारत के हितों के बिल्कुल विरोध था।
  • 1971 में बांग्लादेश के लोग पाकिस्तान के द्वारा किए जा रहे अत्याचारों से परेशान थे। बांग्लादेश को पहले पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था । पूर्वी पाकिस्तान को अत्याचारों से मुक्ति दिलाने में भारतीय सेना में सहयोग दिया था और इसकी वजह से यह युद्ध भारत बनाम पाकिस्तान बन गया था, जिसे भारत में जीता और बांग्लादेश का जन्म हुआ।

1974 मे परमाणु परिक्षण

भारत का सबसे पहला परमाणु बम परीक्षण राजस्थान के पोखरण आर्मी बेस में हुआ था। इसका नाम ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा रखा गया था। इसकी क्षमता 12 किलो टन के आसपास थी और यह एक सफल परीक्षण रहा। जिसके बाद भारत एक परमाणु शक्ति वाला देश बन गया था। उस वक्त भारत के प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी थी।

आधुनिक भारत इतिहास में कुछ अन्य बड़े इवेंट्स

  • फ्रांसीसीओ का आगमन
  • पुर्तगालियों का भारत आगमन
  • आंग्ल मराठा युद्ध
  • डचो का भारत आगमन
  • भारत के गवर्नर जनरल 
  • चंपारण सत्याग्रह
  • वुड घोषणापत्र
  • सार्जेंट शिक्षा योजना

आधुनिक भारत का इतिहास – FAQs

Q. आधुनिक भारतीय इतिहास कब से शुरू हुआ था?

Ans. 1850 के बाद का इतिहास आधुनिक भारतीय इतिहास कहलाता है।

Q. आधुनिक भारत का संस्थापक किसे कहा जाता है?

Ans. पंडित जवाहरलाल नेहरु जी को आधुनिक भारत का संस्थापक कहा जाता है।

Q. आधुनिक भारत का काल क्या है?

Ans. आधुनिक भारत का कार्यकाल 1757 से 1947 तक माना जाता है।

निष्कर्ष

दोस्तों, आपने इस लेख के माध्यम से आधुनिक भारत का इतिहास के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी प्राप्त की है। हमें उम्मीद है कि यह आपको आपकी स्टडी के लिए भी मदद करेगी और आपकी जानकारी को भी बढ़ाएगी। यदि आप इसी प्रकार की किसी अन्य विषय पर जानकारी चाहते हैं तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

Leave a Comment